ध्रुव राठी का कहना है कि “लव जिहाद कुछ नहीं है। यह सिर्फ़ एक अपराध है। एक मुस्लिम लड़का अपनी हिंदू गर्लफ्रेंड को मार देना राठी के लिए एक साधारण अपराध है। इसका मतलब, किसी हिंदू लड़के द्वारा किसी मुस्लिम लड़की के हत्या कर देना भी समान अपराध है।” वे एक वीडियो बनाते हैं और श्रद्धा वालकर के मामले का उदाहरण देते हैं। इस जांच में अब तक लव जिहाद का कोई पता नहीं चला है।
ध्रुव राठी जैसे लोग ऐसा क्यों करते हैं? सीधा जवाब है – वामपंथियों-इस्लामियों के तहत एक षड्यंत्र के रूप में मुद्दे को खत्म कर देना।
पहले, मुगलों का महिमामंडन पाठ्य-पुस्तकों में किया जाता था, उनके अत्याचारों को छुपाया जाता था। अब, रवीश या ध्रुव राठी जैसे लोग वीडियो बनाकर यूट्यूब इतिहास बना रहे हैं। ध्रुव राठी ने अपने नवीनतम वीडियो में लव जिहाद का मुद्दा उठाया, ताकि इसे खारिज किया जा सके।
देश में लव जिहाद का असली मतलब क्या है? वास्तविकता यह है कि भारत में हजारों केस हो चुके हैं। सैकड़ों बहनों और बेटियों को मार डाला गया है। पिछले 2 साल में 306 ऐसे मामलों को दर्ज किया गया है। कितने और मामले होंगे, जिन्हें मीडिया तक नहीं पहुंचाया गया है, यह किसी को नहीं पता। कुछ पीड़ितों ने हिम्मत की होगी, लेकिन उनकी कहानी मीडिया तक पहुंची ही नहीं होगी।
आंकड़ों का उपयोग किसके लिए किया जाता है? अगर उद्देश्य सच को सामने लाना है तो आंकड़े सामने लाए जाते हैं; ये मेहनत से प्राप्त होते हैं। लेकिन यदि उद्देश्य प्रोपैगेंडा फैलाना है तो फिर आंकड़ों का क्या महत्व है? ध्रुव राठी ने उसी किया जो उसे करना था। लव जिहाद की मौजूदगी और इसके पीछे छिपी साजिश को नकारने के लिए उन्हें श्रद्धा वालकर का मामला मिला, जिसे अभी तक लव जिहाद के रूप में साबित नहीं किया गया है।
ध्रुव राठी के लिए अपराधी की मंशा मतलब फर्जी बात है।
श्रद्धा वालकर और उसके हत्यारोपित आफताब पूनावाला के अलावा कुछ और भी नाम गिनाए ध्रुव राठी ने। वीडियो में उन नामों को देखें: श्रद्धा-आफताब | नेहा-फयाज | साक्षी-साहिल खान | निकिता-तौसीफ | अरशद-प्रभा | अंकिता-शाहरुख | रितिका-सैयद | मानसी-मुज्जमिल।
ध्रुव राठी ने इतने सारे नामों के साथ वीडियो बनाया, इससे प्रपंच कैसे रच पाता है? जैसे ही ये नाम खत्म होते हैं, ध्रुव राठी नामों व अपराधों की दूसरी लिस्ट पढ़ते हैं। यहाँ भी वो नामों की लिस्ट है: अंजन दास-पूनम | साहिल गहलोत-निक्की यादव | अमन कुमार-सोनम परवीन | अंशु-नाइमा उर्फ ईशा | सतीश कुमार-गुलनाज खातून | रामानुज साहू-रेखा | प्रवीण-आयनाज | विपुल टेलर-रुखसार उर्फ रिया | प्रदीप-रुखसाना।
मुस्लिम लड़के-हिंदू लड़की और हिंदू लड़के-हिंदू+मुस्लिम लड़की के उदाहरण देकर ध्रुव राठी ने ज्ञान दिया कि सभी हिंदुओं को हत्यारा नहीं कहा जा सकता है, ठीक वैसे ही सभी मुस्लिमों को भी नहीं कहना चाहिए। यह सही है, लेकिन इसी तरह वह अपने तर्क में फँस जाता है।
ध्रुव राठी ने हिंदुओं के अपराधों को गिनाते समय कोई भी ऐसा मामला नहीं प्रस्तुत किया जहां आरोपी ने अपनी भावी बच्ची को अलग मजहब वाले पार्टनर के साथ फँसाया हो। वे भी कोई उदाहरण नहीं दे पाए जहां किसी मुस्लिम लड़की को शादी के बाद धर्मांतरित करने का दबाव डाला गया हो या उसे गौमूत्र पिलाया गया हो। विपरीत, उनकी द्वारा प्रस्तुत किए गए अपराधों की सूची में हिंदू लड़की को प्यार में फँसाने, फर्जी हिंदू नाम रखकर जबरन निकाह कराने से लेकर उसका बलात्कार और गौमांस खिलाने जैसे मामले शामिल हैं।
क्या ध्रुव राठी इतने से संतुष्ट रहते? बिल्कुल नहीं। वे ने लव जिहाद के प्रचार-प्रसार में हिंदुओं को दोषी ठहराया। उनके अनुसार, ऐसा कुछ हो नहीं रहा समाज में। यदि वे संवेदनशील तरीके से काम करते, तो वे एक ऐसे मामले का पता लगा लेते जहां हिंदू लड़का-मुस्लिम लड़की का मामला हो। फिर वे उसे ‘रिवर्स लव जिहाद’ के रूप में देखकर सबूतों के साथ एक वीडियो बना लेते। इससे वे हिंदू समाज को और भी ज्यादा शर्मसार कर पाते। तो, क्यों ध्रुव राठी ने उस ‘रिवर्स लव जिहाद’ की खोज नहीं की? और यह क्या है?
‘रिवर्स लव जिहाद’ क्यों नहीं खोज पाया ध्रुव राठी?
खबर है 1 अप्रैल 2024 की। राहुल राज नाम का एक मजदूर अपनी दिहाड़ी से परेशान था। वो अब्दुल के यहाँ काम करता था। अब्दुल की बेटी थी शबाना। घिस-घिस कर कम मजदूरी पाने के बजाय डायरेक्ट मालिक बनने के लिए राहुल राज ने एक षड्यंत्र रचा। शबाना को अपना नाम शाहरुख बताया। वो हर दिन मस्जिद जाकर 5 बार नमाज फिर पढ़ता था। पक्का मुस्लिम दिखने के लिए दाढ़ी भी बढ़ा ली थी। शबाना गिरफ्त में आ गई। मजहबी शाहरुख को उसने अपना शौहर मान लिया। जब ससुराल आई तो हकीकत पता चली। या अल्लाह या अल्लाह चिल्लाने लगी। लेकिन तब तक राहुल राज गौमूत्र लेकर तैयार था। पटक के शबाना को गौमूत्र पिला दिया। अब शबाना शांति बन गई है।
हाँ, आप सही हैं। यह किसी एक्सपोज़ का सच नहीं है। यह साधारण पत्रकारिता का एक उदाहरण है। ध्रुव राठी ने मंदिर या गाय के साथ अपराध के 4-5 मामलों को बताया, जिसमें हिंदुओं को आरोपी दिखाया गया। आपको उलझाया गया है… यह सभी केवल एक मीडिया खेल है। फर्जी खबरों की रचना की जाती है। यहाँ, एक झूठी घटना को उत्कृष्ट रूप से पेश करके लोगों को गुमराह किया जा रहा है। लेकिन क्यों? इसलिए कि यह मीडिया इस तरह के विवादों से लाभ कमाता है।
यह सब भ्रामक थम्बनेल बनाकर आपको अलग समस्याओं की ओर धकेलता है। वामपंथी और इस्लामी यूट्यूबर इस तरह के मीडिया का हिस्सा हैं, जो अधिक खतरनाक हो सकते हैं।
कुछ न कुछ होना चाहिए – जो इंदिरा ने कभी नहीं किया, वह वास्तविकता में कोई अब्दुल नाम बदलकर अमन बनाने की कोशिश करता है, वह सड़क पर पड़ जाता है। लव जिहाद, जिसे उच्च न्यायालय ने एक हकीकत माना है, जिससे ईसाई समुदाय भी परेशान है, उसे एक षड्यंत्र के तहत छिपाया जाता है, चर्चा में पीछे धकेला जाता है। इसका परिणाम क्या होता है – कोई नाबालिग लड़की अपने अब्दुल से बरपाई करती रहती है, लेकिन जब कोई उसे बचाने जाता है तो वह उलटे कहती है – यह कुछ भी नहीं है, सब झूठ है।
श्रद्धा की हत्या में मजहब का एंगल क्यों?
ध्रुव राठी ने श्रद्धा वालकर के हत्याकांड को जो कि एक साधारण अपराध था, को सामान्यीकृत करते हुए, एक वीडियो बनाया। लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों ने इस हत्या को मजहब के संदर्भ में देखने की कोशिश की। यह जाँच से साबित नहीं हुआ है कि यह हत्या मजहब से संबंधित थी। फिर भी, लोगों में इस दिशा में भय और चिंता का माहौल बन गया। ऐसे कई मामले हैं जिनमें लोग अपनी बेटियों के लिए डरते हैं। ध्रुव राठी ने वीडियो बनाते समय बुद्धिमत्ता से यह छिपाया कि श्रद्धा के पिताजी ने उसे लव जिहाद का संदेह किया था। लेकिन इसकी सत्यता को अभी तक साबित नहीं किया गया है। लोगों की यह प्रतिक्रिया उनके भय और चिंता का परिणाम है, और ध्रुव राठी इसे अपने वीडियो के माध्यम से जागरूक कर रहे हैं।
ध्रुव राठी मतलब दुनिया का सबसे बड़ा अंधभक्त
दूसरों पर ऊँगली उठाने वाला ध्रुव राठी, अपनी बातों से परे बात करने वाले को अंधभक्त कहने वाला ध्रुव राठी ही सबसे बड़ा अंधभक्त है। यह आरोप नहीं है बल्कि उसने खुद को साबित किया है। पॉइंट-वाइज समझते हैं इसे, सहूलियत होगी।
- 5 जुलाई 2019 को ध्रुव राठी ने एक वीडियो अपलोड किया था। Article 15 – Reality of Casteism | Analysis by Dhruv Rathee – ये उस वीडियो का टाइटल है। पूरे वीडियो में 2-4 खबरें दिखाई जाती हैं। दलितों के हाथ का छुआ खाना-पानी से परहेज वाली इन खबरों के दम पर ध्रुव राठी यह निष्कर्ष निकाल लेता है कि पूरे का पूरा भारत और यहाँ का समाज जातिवादी है।
- 26 जुलाई 2018 को Cow Urine Magic! | Hidden Secret in Gaumutra Explained by Dhruv Rathee नाम से एक वीडियो अपलोड हुआ है। इसमें यह गौमूत्र पर वीडियो बनाता है। व्यंग्य की भाषा में दर्शकों को गौमूत्र की जगह अपना मूत्र पीने की सलाह देता है। उसके पीछे का रासायनिक कारण (10-12वीं तक केमिस्ट्री की पढ़ाई करने वाला कोई भी बता देगा) भी बताता है। आखिर है कौन ध्रुव राठी? वैज्ञानिक है या डॉक्टर या गौमूत्र पर कोई रिसर्च पेपर आया है इसका?
- 29 जून 2028 वाला वीडियो तो अल्टीमेट है। Is India World’s Most Dangerous Country for Women? | Analysis by Dhruv Rathee नाम के इस वीडियो में महिलाओं के लिए भारत को सबसे खतरनाक देश घोषित कर दिया जाता है। किस आधार पर? कोई सर्वे हुआ? नहीं। तो किसने तय किया? बड़े-बड़े लोगों ने कहा, इसलिए खतरनाक है तो है।
ध्रुव राठी को अपने वीडियो में लव जिहाद को नकारने का तर्क उठाने पर विवादों में पड़ने की बजाय दलितों के साथ हुई छुआछूत के मुद्दे पर समाज को जागरूक करने का दावा किया जा सकता है। इसके साथ ही, उनके गौमूत्र के संदर्भ में वीडियो उनकी समाज के प्रति उनकी भावनाओं को प्रकट करने के लिए उदाहरण के रूप में प्रयोग किया जा सकता है, जिसका अर्थ सामाजिक द्वेष नहीं है। अतः, ध्रुव राठी को उसके वीडियो के माध्यम से उनके दृष्टिकोण को समझने का एक नया आयाम दिया जा सकता है।