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Congress Ko Vote Kiu Na De?

इतिहास ज्ञात होना चाहिए -: अधाधुंध कांग्रेस की आलोचना करते जाना ठीक नहीं है। कांग्रेस की उपलब्धियां भी जाननी चाहिए और देखिए।

कौन कहता है की कांग्रेस ने पिछले 65 सालों में कुछ काम नही किया ? बहुत किया, लेकिन मुसलमानों के लिए ?

⦿ पाकिस्तान बनाया, मुसलमानों के लिए

◦ पाकिस्तान का गठन मुख्य रूप से भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के परिणाम के रूप में हुआ, जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीयों की सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक उत्कृष्टता का प्रतिबिम्ब था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस आंदोलन के प्रमुख आधार और नेतृत्व का एक अहम हिस्सा था।

हालांकि, कांग्रेस के अंदर ही एक विद्रोह का दृढ़ उभार हुआ जब उसने 1947 में भारत के विभाजन की मांग की, जिससे दो राष्ट्र, भारत और पाकिस्तान, की स्थापना हुई। मुख्य रूप से, कांग्रेस की यह मांग मुस्लिम अल्पसंख्यकों के हित में थी, जिनका अनुभव उन्हें उनके धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों की भावना करने के लिए प्रेरित किया।

इस प्रकार, कांग्रेस का रोल पाकिस्तान के गठन में उत्कृष्ट रहा है

⦿ बांग्लादेश बना, मुसलमानों के लिए,

◦ बांग्लादेश का गठन 1971 में हुआ, जो पूर्वी पाकिस्तान के एक अलग राष्ट्र के रूप में बना। इसके पीछे कई कारण थे, जिनमें सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक असहमति शामिल थी। कांग्रेस का रोल बांग्लादेश के गठन में सीमित रहा, क्योंकि यह घटना पाकिस्तान के आंतरिक विवादों का परिणाम थी, जो मुख्य रूप से पाकिस्तान के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों के बीच कारणों की बदलती राजनीति के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुआ।

⦿ धारा 370 लागू हुई, मुसलमानों के लिए।

◦ धारा 370 जम्मू और कश्मीर के विशेष स्थान को संरक्षित करने वाला अनुच्छेद था, जो भारतीय संविधान के तहत लागू था। यह अनुच्छेद जम्मू और कश्मीर को भारतीय संघ का एक विशेष प्रदेश बनाता था, जिसमें विशेष राजनीतिक, संविधानिक और आर्थिक अधिकार थे।

धारा 370 को विस्तार से समाप्त करने का प्रस्ताव 2019 में लोकसभा में पारित किया गया और इसे 5 अगस्त 2019 को समर्थन प्राप्त हुआ। इसके परिणामस्वरूप, जम्मू और कश्मीर को भारत के अन्य राज्यों के साथ समान रूप से अनुशासित किया गया।

कांग्रेस का रोल इस मामले में समाधानात्मक था। कांग्रेस ने सरकार की रूप में 1947 में सत्ता संभाली थी, और धारा 370 को लेकर विवादों के समाधान के प्रति उसका दृढ़ समर्थन था।

⦿ अल्पसंख्यंक बिल आया, मुसलमानों के लिए।

◦ मंदिर की राजनीति ने जब बाबरी मस्जिद के ध्वंस का कारण बनने वाले एक बड़े आंदोलन के लिए ज़मीन तैयार कर दी, तो कांग्रेस की सरकार ‘अल्पसंख्यकों’ ख़ास कर मुसलमानों में पैठ बनाने के लिए एक पैकेज लेकर आई. शायद इनमें सबसे महत्वपूर्ण कदम था राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग कानून (1992) का बनाया जाना. इसमें कतिपय धार्मिक समुदायों के दूसरों की अपेक्षा हाशिये पर पड़े होने के कारणों के मूल्यांकन की ज़रूरत पर बल दिया गया था. इस कानून के आधार पर मई 1993 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना हुई.

⦿ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बना, मुसलमानों के लिए।

◦ असल में 2019 की भयावह शिकस्त के बाद तमाम चीजों और उनकी टाइमिंग देखें, तो साफ़ नजर आ रहा कि कांग्रेस कैसे एक ही तीर से अपने सभी दुश्मनों को निपटाने की मुहिम में लगी है. उसके निशाने पर अब ना सिर्फ भाजपा है- बल्कि वो तमाम क्षेत्रीय पार्टियां भी हैं जिसे असल में कांग्रेस ने ही अपनी राजनीति के लिए उन्हें उनकी वैचारिक जमीन से खींचकर अपनी जमीन पर खड़ा कर दिया था. यह सबकुछ अशराफों के बोर्ड की वजह से ही संभव हुआ. भाजपा को तो कोई नुकसान नहीं होगा, पर उधार की वैचारिकी में भ्रष्ट हो चुके क्षेत्रीय दलों को बर्बाद होने से शायद ही दुनिया की कोई ताकत रोक सके.

⦿ अल्पसंख्यंक मंत्रालय बना, मुसलमानों के लिए।

◦ अल्पसंख्यक मंत्रालय (Ministry of Minority Affairs) भारत सरकार का एक मंत्रालय है जो अल्पसंख्यक समुदायों के हित में काम करता है। यह मंत्रालय भारतीय समाज में अल्पसंख्यक समुदायों के विकास, समानता, और संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए नीतियों को बनाता है और कार्य करता है।

कांग्रेस पार्टी का रोल अल्पसंख्यक मंत्रालय के गठन में महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह मंत्रालय भारतीय संविधान की शासन प्रणाली के अंतर्गत बनाया गया था। कांग्रेस पार्टी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अल्पसंख्यक समुदायों के हित में समर्थन और समाज को एक मिट्टी में मिलाने के लिए कई नीतियों की घोषणा की थी।

कांग्रेस के कई नेताओं ने अल्पसंख्यकों के हक के लिए संघर्ष किया और उनके विकास को समर्थन किया। उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप, अल्पसंख्यक मंत्रालय का गठन हुआ, जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों के हित में नीतियों का विकास करना था

⦿ वक़्फ़ बोर्ड बनाया, मुसलमानों के लिए।

◦ कांग्रेस पार्टी का रोल वक़्फ़ बोर्ड के गठन में महत्वपूर्ण रहा है। कांग्रेस ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय मुस्लिम समुदाय के हित में कई कदम उठाए और उनकी धार्मिक संपत्ति के संरक्षण के लिए प्रयास किये। इस दृष्टि से, वक़्फ़ बोर्ड का गठन कांग्रेस के सामाजिक और धार्मिक नीतियों के एक परिणाम के रूप में देखा जा सकता है।

⦿ अल्पसंख्यंक विश्वविद्यालय बना, मुसलमानों के लिए।

◦ भारत में “अल्पसंख्यंक विश्वविद्यालय” या “मिनॉरिटी विश्वविद्यालय” का गठन कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से होता है और इसमें किसी निर्दिष्ट राजनीतिक दल का सीधा या अप्रत्यक्ष रोल नहीं होता है।

हालांकि, कांग्रेस पार्टी के द्वारा भारत में अल्पसंख्यंकों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में विकास के प्रति सामर्थ्यानुसार उनका समर्थन और आर्थिक सहायता प्रदान किया जाता है। उनकी शिक्षा नीतियों और योजनाओं में विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को उच्च शिक्षा के अवसरों तक पहुंचाया जा सके।

इस प्रकार, कांग्रेस पार्टी का भारत में शिक्षा के क्षेत्र में विकास के प्रति उनका समर्थन और योगदान अल्पसंख्यंकों के लिए विश्वविद्यालयों के गठन में महत्वपूर्ण रहा है।

⦿ देश का बंटवारा धार्मिक आधार पर हुआ, मुसलमानों के लिए।

◦ आपका उल्लेख कर रहे बंटवारे का मतलब 1947 में भारत के विभाजन से है, जब भारत और पाकिस्तान नामक दो अलग-अलग राष्ट्रों में विभाजित हुआ। यह धार्मिक आधार पर हुआ था, जिसमें भारत के मुस्लिम समुदाय का बड़ा हिस्सा पाकिस्तान बनाए गए भाग में शामिल हो गया।

कांग्रेस पार्टी का इस बंटवारे में एक महत्वपूर्ण रोल रहा है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम के समय भारतीय समाज को एक एकीकृत देश बनाने के लिए कई प्रयास किए, जिसमें धार्मिक समानता और सामाजिक न्याय का समर्थन शामिल था

⦿ Places of worship Act लाये, मुसलमानों के लिए।

◦ कांग्रेस पार्टी के द्वारा यह कानून लाया गया था ताकि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और उनकी स्थिति को स्थायी बनाया जा सके। यह कानून साल 1991 में पारित किया गया था, जिसका उद्देश्य था किसी भी धार्मिक स्थल को जो भारत की आजादी के बाद बदल दिया गया था, उसकी वापसी न करने की गारंटी देना।

इस कानून के जरिए, किसी भी धार्मिक स्थल को जो कभी बदला गया था, उसे उसी स्थिति में बनाए रखा गया है, ताकि सामाजिक और धार्मिक सामंजस्य को बनाए रखा जा सके


⦿ Anti communal violence bill दो बारी संसद में पेश किया परंतु BJP ने पास नहीं होने दिया, वो बिल भी मुसलमानों के लिए और कहीं अगर यह बिल पास हो जाता तो हिंदुओं को ख़त्म होने में मात्र 10 साल लगते ? यदि किसी को कोई शक हो तो google पर जाकर पढ़ सकता है। • देश को चुपचाप इस्लामिक देश बनाने की तैयारी कांग्रेस ने की थी, और हिं


⦿ भारत में “अल्पसंख्यंक विश्वविद्यालय” या “मिनॉरिटी विश्वविद्यालय” का गठन कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से होता है और इसमें किसी निर्दिष्ट राजनीतिक दल का सीधा या अप्रत्यक्ष रोल नहीं होता है।

हालांकि, कांग्रेस पार्टी के द्वारा भारत में अल्पसंख्यंकों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में विकास के प्रति सामर्थ्यानुसार उनका समर्थन और आर्थिक सहायता प्रदान किया जाता है। उनकी शिक्षा नीतियों और योजनाओं में विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को उच्च शिक्षा के अवसरों तक पहुंचाया जा सके।

इस प्रकार, कांग्रेस पार्टी का भारत में शिक्षा के क्षेत्र में विकास के प्रति उनका समर्थन और योगदान अल्पसंख्यंकों के लिए विश्वविद्यालयों के गठन में महत्वपूर्ण रहा है।

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